आजकल हम लोग बच्चों की तरह लड़ने लगे
आजकल हम लोग बच्चों की तरह लड़ने लगे चाबियों वाले खिलौनों की तरह लड़ने लगे ठूँठ की तरह अकारण ज़िंदगी जीते रहे जब चली आँधी तो पत्तों की तरह लड़ने लगे कौन सा सत्संग सुनकर आये थे बस्ती के लोग लौटते ही दो क़बीलों की तरह लड़ने लगे हम फ़कत शतरंज की … Continue reading आजकल हम लोग बच्चों की तरह लड़ने लगे
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